ज्ञानवान अथवा विवेकशील बनने के लिए मनुष्य का अपने मन- मस्तिष्क को साफ- सुथरा बनाना होगा, उनका परिष्कार करना होगा । जिस खेत में कंकड़- पत्थर तथा खरपतवार भरा होगा उसमें अन्न के दाने कभी भी अंकुरित नहीं हो सकते । वे तभी अंकुरित होंगे । जब खेत से झाड़- झंखाड़ और कूड़ा- करकट साफ करके उन्नत दाने बोये जायेंगे |
- अनथक
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