फिर भी यथार्थबोध नहीं

फिर भी यथार्थबोध नहीं  बितरसम मन अज़ किरद गाहे जहाँ , कि दानद हमीं आशकारो निहाँ | - फ़ारसी कवि फ़िरदौस तूसी अर्थात , हे ईश्वर , तू मेर...
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