रेलवे शिकायत - कार्रवाई नदारद '' 31 मार्च 2014 को मैं इस बिच्छू - कोबरा गैंग के आतंक का प्रत्यक्षदर्शी और भुक्तभोगी बना | मैं...
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Home / Archive for May 2015
फिर भी यथार्थबोध नहीं
फिर भी यथार्थबोध नहीं बितरसम मन अज़ किरद गाहे जहाँ , कि दानद हमीं आशकारो निहाँ | - फ़ारसी कवि फ़िरदौस तूसी अर्थात , हे ईश्वर , तू मेर...
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