वो सादा कागज ही कयामत है , जीवन रीता है रीता ही रहेगा , समय से पहले रोशनी गर जलती सुबह से पहले गर कयामत आती फिर लफ्जों की लौ...
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Home / Archive for September 2014
उस प्रेम - सुधा ......
उस प्रेम - सुधा सरसाने की बात क्यों करें ? छद्म युग - बोध से प्रबोध की बात क्यों करें ? इस रक्तपात को देख रही हमारी नजरें यूँ थोथ...
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तेरी हसीन चाल पर मोहित हो गये
तेरी हसीन चाल पर मोहित हो गये, तेरी क़द्रदानियों के कृतज्ञ हो गये , चलते रहे साथ तेरे दहाइयों तक , तेरी फरेबकारियों के मर्मज्ञ हो ग...
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परमात्मा ही सर्वशक्ति - संपन्न है
इन्सान अपनी करतूतों से प्रकृति के उपादानों का विनाश कर रहा है , जो भी बिगाड़ और विनष्टीकरण का कारण है | आज इंसान ख़ुद प्राकृतिक संसाधनों ...
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