दिल्ली केऑटो वाले आज भी पहले जैसे यात्री विरोधी हैं
सब मस्त हैं .... भ्रष्टाचार में पगे हैं .... आठ साल पहले भी दिल्ली के ऑटो वाले आज की ही तरह थे ! किराया अधिक वसूलना और जाने से इन्कार इनकी घुट्टी में है .... जाने से इन्कार के बाद दामिनी रेप कांड हुआ .... अगर ऑटो वाला जाने के लिए तैयार हो जाता और अधिक किराया नहीं मांगता तो वे लोग बस में बैठते ही नहीं ..... दामिनी कांड .... वीभत्स हत्या से मानवता सुरक्षित रहती ...... देखिए आठ साल पुरानी दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को भेजी गई एक शिकायत , जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई ...... 20 अप्रैल 2008 को पांच आटोवालों ने कालिंदीकुंज जाने से इन्कार किया और ऐसा क्यों ? कहने पर दुर्व्यवहार पर उतर आए .....
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